
कमी
मैंने अक्सर अस्पताल में अमीरों को चक्कर काटते देखा है। ऐसी बात नहीं है कि, ग़रीबी और बीमारी इनका कोई मेल होना स्वाभाविक नहीं। गंभीर बीमारियों से लड़ते रहने के लिए जेब खाली होना जरूरी तो नहीं, पर अपरिहार्य तो…
मैंने अक्सर अस्पताल में अमीरों को चक्कर काटते देखा है। ऐसी बात नहीं है कि, ग़रीबी और बीमारी इनका कोई मेल होना स्वाभाविक नहीं। गंभीर बीमारियों से लड़ते रहने के लिए जेब खाली होना जरूरी तो नहीं, पर अपरिहार्य तो…
गुलाबी आँखे जो तेरी देखी,शराबी ये दिल हो गया..मह्हम्ह…ल्ल ल्ल ल ला…ला ला लालालल..लल ल्ललला.. “ख्खख्ख..देखो उसके नज़रों से ओझल होते ही खराश आ गई गले में। जब तक वो सामने होती है, सूर कैसे सटिक लगते है ना !”…
गम के रेगिस्तान मेंखुशनुमां हरियाली लाना हैहर इक खेत को यहांखुशियों कि सिचाईं पाना है ।रंगमंच कि कठपुतलियों कोअहंकार का भाव न होवाणी का हो योग्य प्रयोजनअंतःकरण में घाव न हो ।अद्भुत अद्मम्य अचल साहस कीलिखता तू जा परिभाषा..मन है…
अस्तित्व बचाए बैठा हूँ,बिसात छिपाए बैठा हूँ।टूटा हुआ एक सितारा हूँ मैं,तारों के आंधी में,वजूद का चराग़ जलाएं बैठा हूँ । सौप देना हैं खुदको ,किसी के दस्ते-तलब में।वक्त की धाराओं मेंबहते बहते कहीं;वस्ल-मिलन ना हो जाएं,इसलिए भूत और वर्तमान…