
SCALE
I met one of my friends a couple of days ago. He looked gaunt. I asked him about his whereabouts and about the issues that are trending these days. After listening to him, one thing was crystal clear. His mental…
I met one of my friends a couple of days ago. He looked gaunt. I asked him about his whereabouts and about the issues that are trending these days. After listening to him, one thing was crystal clear. His mental…
ज़िंदगी आजकल डाकघर सी हो गई है।दूसरों के ज़ज़्बात,ख़त की तरह,पड़े रहते हैं, यहाँ।कुछ देर।उन सबका एक पता है।ये तो,मेरे मन को भी पता है।कुछ डाकबाबू आते हैं,ज़िंदगी में।उनका तो काम ही है।दिए गए पते पर चिठ्ठियाँ पहुँचाना।कभी कभी लगता…
वक्त़ भी खूब अच्छी बिरयानी बना लेता है।किसी को मसालों की तरह,तो किसी को चावल की तरह,इस्तेमाल कर, मौत को परोस देता है।मैं भी शायद पानी की कुछ बूंदो में से एक हूँ।छिड़क दिया जाऊंगा,गर्म तवे पर,एक आह निकलेगी,आवाज़ आएगी,लगेगा…
अलीकडेचं नाना पाटेकरांच्या सुरेख,कसदार अभिनयानं गाजलेल्या या चित्रपटाची प्रशंसा करावी तितकीच कमी.माणूसकीच्या सुपीक जमिनीवर संवेदनशीलतेचं पीक करपण्याचं जे वास्तव ह्या चित्रपटाद्वारे दृष्टिक्षेपातं आणून देण्यात आलं आहे ते प्रशंसनीय आहे.खरतरं, रंगमंच गाजविलेला तो अनभिषिक्त सम्राट असो किंवा एका कमाईवर कुटूंबाची जबाबदारी…
कभी तुमने अपनी साँसों को आज़ाद छोड़ा है?समंदर से किनारें की तरफ़ आते हुए,सरसराते पत्तों को आवाज़ मुहैय्या कराने वाली,बादलों की टोली को,इधर उधर करती करती नादान हवाओं में,क्या देखा है तुमने आज़ादी को करीब से?कैसे खुश होती है वो…